बाड़मेर जिले में रेलगाड़ियों ओर हवाई सेवाओं का मुद्दा छाया रहा



असंतुष्ट नेताओं के भरोसे हुईं डूबती नैया पार लगाने की कोशिश

राजू चारण

बाड़मेर 22 सितम्बर ,भाजपा के मिशन 2023 के तहत पार्टी की दो दिवसीय चिंतन बैठक मंगलवार से कुंभलगढ़ में शुरू हुई थी। इस बैठक में पहले दिन प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई और साथ ही भाजपा को बूथ स्तर तक मजबूती मिले। इसको लेकर चर्चा की गई। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि भाजपा एक कैडर बेस पार्टी है। यहां पर मांगने से कुछ नहीं मिलता है। पार्टी जहां पर जिसका सही उपयोग समझती है, उसे वहीं जिम्मेदारी मिल जाती है। भाजपा व्यक्तिवादी पार्टी नहीं है। बैठक में कई बड़े बड़े नेता मौजूद रहे, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नहीं आने को लेकर रही। उनके अलावा केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और भूपेन्द्र यादव भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंच सके।


कुंभलगढ़ के एक रिसोर्ट में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष की अध्यक्षता में बैठक शुरु हुई तो सबसे पहले राजस्थान की राजनीति और सामाजिक स्थितियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके बाद अलग-अलग विषयों पर पांच सत्र हुए, जिनमें गहलोत सरकार को लेकर भी चर्चा हुई और संगठन के बिखराव पर भी चर्चा हुई। नेताओं ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार से जनता परेशान है। गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किए जाएंगे। बैठक में सुबह से शाम तक विभिन्न सत्रों में वरिष्ठ नेताओं में प्रदेश में कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर अपने आप को मजबूत करने, केन्द्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने पर चर्चा हुई। सभी नेताओं से अलग-अलग विषयों पर बोलने को भी कहा गया।


बैठक शुरू होने से पहले कई राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं ने दुर्ग स्थित महाराणा प्रताप के जन्मकक्ष में जाकर प्रताप को नमन किया।बैठक में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, बाड़मेर जैसलमेर सांसद कैलाश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, वासुदेव देवनानी समेत कई वरिष्ठ नेता और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक बुधवार दोपहर तक चली।


भाजपा ने सत्र के दौरान होने वाली चर्चाएं कहीं बाहर ना चलीं जाए इसका विशेष रूप से ध्यान रखा गया। इसके लिए ऐेसा रिसोर्ट चुना, जहां पर देशभर के किसी भी मोबाइल्स कम्पनियों का कोई नेटवर्क तक उपलब्ध नहीं था। सभी भाजपा नेताओं से कोई भी व्यक्ति सम्पर्क तक नहीं कर सका। यहां तक कि धुरंधर नेताओं का निजी स्टाफ भी अपने नेताओं तक नहीं पहुंच सका।


भाजपा प्रदेश के नेताओं के बीच की आपसी गुटबाजी का साया भी चिंतन बैठक के दौरान स्पष्ट दिखा। जो नेता नहीं आए, उनके यूं तो अपने-अपने निजी कारण थे, लेकिन इसे गुटबाजी से जोड़कर भी विशेष रूप से देखा गया। बताया जा रहा है कि संगठन महामंत्री बी एल संतोष और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह नहीं चाहते कि कोई भी पार्टी से गुटबाजी की बात पर सार्वजनिक चर्चा हो। इसलिए इस मामले में दो-तीन नेताओं के बीच ही विशेष चर्चा हुई।


पार्टी के संतोष ने बैठक में कहा कि राजस्थान की यह भूमि त्याग एवं तपस्या की भूमि है। इस भूमि का कण-कण वीरता और शोर्य की गाथा को गाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा विश्व की नम्बर एक पार्टी बन गई है। पार्टी को स्थाई व मजबूत बनाने के लिए सबको जन भावनाओं के अनुसार कार्यक्रम भी बनाने पड़ेगे और काम भी करना पड़ेगा। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे देश में आंतरिक गुटबाजी से जूझ रही है और उनकी प्राथमिकता जनता के समस्या के समाधान करने की नहीं है। उनकी प्राथमिकता अपनी व अपनी पार्टी की समस्याओं का समाधान करना है। राजस्थान महिला उत्पीडऩ में नम्बर एक पर पहुंच गया है। दलितों की सरेआम हत्या हो रही है। यहां कानून का शासन नहीं, जंगलराज है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहींं है। किसान परेशान है, युवा दुखी है। महिलाओं, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं।

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